भारतीय संस्कृति


Indian Culture In Hindi




भारतीय संस्कृति सब देशों से अलग है ।भारतीय संस्कृति  विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति है। इससे विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी माना जाता है। क्योंकि यहाँ पर हर दो या तीन मील चलने पर कुछ नया मिलता है । जीने की कला हो या विज्ञान और राजनीति का क्षेत्र, भारतीय संस्कृति का सदैव विशेष स्थान रहा है। अन्य देशों की संस्कृतियाँ तो समय की धारा के साथ-साथ नष्ट होती रही हैं । किन्तु भारत की संस्कृति आदि काल से ही अपने परंपरागत अस्तित्व के साथ अजर-अमर बनी हुई है। और यह अभी तक निरंतर चल रही है । अनेकता में एकता को प्रतीत करती है । अनेकों धर्म होने के उपरांत भी यहाँ के लोग
शांतिमय तरीके से अपना जीवन यापन कर रहे है ।
और हम भारतीयों से आशा है कि हम अपनी संस्कृति को निरंतर रखेंगे ।
इस देश की उदारता और जिंदादिली ने बड़ी संख्या में सैलानियों को इसकी मनोहर संस्कृति की ओर आकर्षित किया, जिसमें धर्मों, त्यौहारों, खाने, कला, शिल्प, नृत्य, संगीत और कई चीजों का मेल है।
यहाँ के हर राज्य में भाषा से लेकर भेष -भूषा में भी
परिवर्तन देखने को मिलता है । कहीं पर लोग अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी को महत्व देते है और कहीं पर लोग अपनी  राजकीय भाषा को महत्व देते है ,जैसे -पंजाब की पंजाबी,राजस्थान की राजस्थानी,गुजरात की गुजराती ,तमिलनाडु की तमिल ऐसे ही कई राज्य
अपनी- अपनी भाषाओं को दर्शाते हैं ।
यहाँ पर कई ऐसे आकर्षित केंद्र है जहाँ पर सैलानियों की भीड़ उमड़ी रहती है । आगरा का ताजमहल अपनी खूबसूरती को बखूबी दर्शाता है । जो दुनिया के सात अजूबों में से एक है । ऐसे ही दिल्ली की कुतुबमीनार,
अमृतसर का स्वर्ण मंदिर हो या श्री नगर की डल झील
अपनी खूबसूरती को कायम रखे है ।

भेष-भूषा


भारतीय भेष -भूषा  अन्य देशों की तुलना में  सबसे अलग है । यदि देंखे तो यहाँ पर हर राज्य की भेष भूषा भी अलग है ।
भारत में महिलाओं के कपड़े व्यापक रूप से भिन्न होता है और स्थानीय संस्कृति और धर्म के साथ बारीकी से जुड़ा हुआ है। भारतीय वस्त्र साड़ी छोलि टॉप के साथ पहने जाते है ।एक लंबी स्कर्ट एक लेहंगा या पवद छोलि और एक पहनावा एक घाघरा छोलि बुलाया बनाने के लिए एक दुपट्टा के साथ पहना कहा जाता है; या सलवार कमीज सूट, जबकि  महिलाओं के कई पारंपरिक रूप से साड़ी पहनने और बच्चों पटू लन्गा पहनें। साड़ियां रेशम से बाहर किए गए सबसे खूबसूरत माना जाता है। मुंबई, पूर्व मुंबई के रूप में, जाना जाता है भारत की फैशन राजधानियों में से एक है। ग्रामीण भारत के कई भागों में, पारंपरिक वस्त्र पहना जाता है। महिला एक साड़ी, रंगीन कपड़े,  ठिगने, गम्चा, कुर्ती और कुर्ता और शेरवानी गलाला अन्य कपड़े शामिल हैं।

भारत में कपड़े की पारंपरिक शैली के साथ पुरुष या महिला भेद भिन्न होता है। यह अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में, हालांकि शहरी क्षेत्रों में बदल रहा है और उसके बाद है। यौवन से पहले लड़कियों एक लंबी स्कर्ट और छोटा ब्लाउज एक छोलि, इसके बाद के संस्करण कहा जाता हैं।

भारतीय नृत्य 


भारतीय नृत्य  की बात करी जाए तो काफ़ी मशहूर हैं।
भारतीय नृत्य  दुनिया  में एक अलग छवि बनाते है ।
यहाँ पर हर एक राज्य का अपना अलग नृत्य है  ।  वर्तमान समय मे भारतीय  नृत्यों में काफ़ी परिवर्तन हो रहा है । भारत के राज्यलोक-नृत्य आंध्रप्रदेश कुचीपुड़ी, घंटामरदाला, ओट्टम थेडल, वेदी नाटकम।असम बीहू, बीछुआ, नटपूजा, महारास, कालिगोपाल, बागुरुम्बा, नागा नृत्य, खेल गोपाल, ताबाल चोनग्ली, कानोई, झूमूरा होबजानाई।बिहार जाट– जाटिन, बक्खो– बखैन, पनवारिया, सामा चकवा, बिदेसिया।गुजरात गरबा, डांडिया रास, टिप्पनी जुरुन, भावई।हरियाणा झूमर, फाग, डाफ, धमाल, लूर, गुग्गा, खोर, जागोर।हिमाचल प्रदेशझोरा, झाली, छारही, धामन, छापेली, महासू, नटी, डांगी।जम्मू और कश्मीरर ऊफ, हीकत, मंदजात, कूद डांडी नाच, दमाली। और भी अन्य राज्यों के अलग -अलग नृत्य है ।
https://youtu.be/HFLV1dyPvuo

भारतीय साहित्य

भारतीय साहित्‍य की परम्‍परा विश्‍व में सबसे प्राचीन है। प्रारम्‍भ में यह काव्‍य रूप में था जिसे गाकर सुनाया जाता था। साहित्‍य की प्रारम्भिक कृतियां गीत अथवा छन्‍द के रूप में होती थी। यह सिलसिला कई पी‍ढ़ियों तक चलता रहा और फिर साहित्‍य का यह लिपिबद्ध रूप सामने आया।


https://youtu.be/HFLV1dyPvuo

नरेंद्र अहिरवार.......

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