गुणकारी मनुष्य

गुणकारी मनुष्य 



गुणकारी मनुष्य से तात्पर्य है कि उसके अंदर हर एक वो गुण होना अनिवार्य है । जो उसे मंजिल तक पहुंचाने में उसका पूर्ण रूप से साथ दे । धैर्य ,संयम, पापनिष्ठ ,ईमानदार और मनुष्य प्रेरक (मनुष्य को ज्ञान देने वाला) ऐसे ही अन्य गुण होना अनिवार्य है । यदि कभी उस व्यक्ति के ऊपर किसी प्रकार का दुख आए तो धैर्य को अपना साथी बना कर काम लेना । कभी भी किसी व्यक्ति के प्रति भेदभाव से प्रकट न होना अपनी ईमानदारी का सबूत देना, झूठ ना बोलना | लेकिन किसी व्यक्ति ने कोई अच्छाई के लिए कोई पाप किया है तो उसे  बचाने के लिए किसी प्रकार का झूठ बोलना पड़े तो कोई आपत्ति नहीं ।
अपनों के प्रति ही नहीं अन्य व्यक्तियों के लिए सामान  होना । ऐसे गुण होना आवश्यक है । किसी भी गुणकरी व्यक्ति के लिए । एक गुण और  -- शिक्षा ,शिक्षा का गुण होना तो सभी  व्यक्ति के लिए परस्पर है ।
लेकिन गुणकारी व्यक्ति है तो उसके पास तो शिक्षा जैसा गुण होता है ।और उस शिक्षा का उपयोग
उस गुणकारी मनुष्य को करना चाहिए ।

"यदि आपको किसी चीज का घमंड आ जाता है तो आपके लिए बहुत हानिकारक है  इसे अपने अंदर से निकाल फेंकिए और सयंमी बनिये"

"वाणी  ही हर एक बुराई के कारण है ।
यदि अच्छी निकलती है तो जय जयकार कराती है ।
यदि बुरे निकलती है तो लाचार बनाती है"
                           - नरेंद्र अहिरवार


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